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April 8, 2018 Author/अरुण कुकसालकोई स्कूल की घंटी बजा दे, ये बच्चा मुस्कराना चाहता है
प्रदेश के शिक्षा तंत्र की गम्भीर हो गयी तबीयत को सुधारने के लिए बतौर प्राथमिक चिकित्सा के रूप में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें सरकारी के साथ निजी विद्यालयों में लागू करने के प्रयास की तारीफ तो बनती है। यद्यपि इसमें बहुतेरे झौल और छिद्रों को यथावत रखा गया है। शकील जमाली की ये इक लाईन हमारे […]
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February 2, 2018 Author/nainitalsamachar
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December 9, 2017 Author/राजीव लोचन साह
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December 8, 2017 Author/ताराचन्द्र त्रिपाठीइस तरह कटे रामनगर कॉलेज में पाँच साल
मैं जानता था कि गोपनीयता संदेह और वैमनस्य को जन्म देती है, अतः पहली ही बैठक में मैंने विद्यालय के विविध छात्र.कोषों और राजकीय अनुदानों की राशि का पूरा विवरण अध्यापकों के सामने रख दिया। उनकी सुविधाओं, असुविधाओं, वरिष्ठतागत विसंगतियों को दूर करने का आश्वासन दिया और निवेदन किया कि यदि आप मुझे गाली भी […]
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November 27, 2017 Author/nainitalsamacharजैसी भी थी उस शिक्षा व्यवस्था ने हमें मजबूत बनाया
मदन मोहन पाण्डेय चालीस साल के भीतर प्राइमरी शिक्षा के साथ किये गये सही-गलत प्रयोगों, सरकारी शिक्षातंत्र के चरमराने और टाई पहना कर ‘ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार’ रटाने वाले तथाकथित इंग्लिश मीडियम स्कूलों के कुकुरमुत्तों की तरह उग आने के बाद कितना बदल गया है शिक्षा का परिदृश्य ? सवाल यह भी है कि यदि […]